Sunday, February 24, 2013






░░░░░░░░░░░░█░██░ █हनुमान चालीसा█ ░██░█░░░░░░░░░░░
░░░░░░░█░██░ █गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित█ ░██░█░░░░░░░
░░░░░░░░░░░░█░██░ █ दोहा █ ░██░█░░░░░░░░░░░
░░.•♥•.॥श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार॥.•♥•.░░

░░░░░░░░░░░░█░██░ █चौपाई█ ░██░█░░░░░░░░░░░

░█░░████जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
░█░░█░░░जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥
░███████░राम दूत अतुलित बल धामा
░░░░█░░█░अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥
░████░░█░महाबीर बिक्रम बजरंगी
░░░░░░░░░कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████कंचन बरन बिराज सुबेसा
░█░░█░░░कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥
░███████░हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
░░░░█░░█░काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥
░████░░█░शंकर सुवन केसरी नंदन
░░░░░░░░░तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████विद्यावान गुनी अति चातुर
░█░░█░░░राम काज करिबे को आतुर॥७॥
░███████░प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
░░░░█░░█░राम लखन सीता मनबसिया॥८॥
░████░░█░सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
░░░░░░░░░विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████भीम रूप धरि असुर सँहारे
░█░░█░░░रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥
░███████░लाय सजीवन लखन जियाए
░░░░█░░█░श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥
░████░░█░रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
░░░░░░░░░तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████सहस बदन तुम्हरो जस गावै
░█░░█░░░अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥
░███████░सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
░░░░█░░█░नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
░████░░█░जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
░░░░░░░░░कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
░█░░█░░░राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
░███████░तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
░░░░█░░█░लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥
░████░░█░जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
░░░░░░░░░लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
░█░░█░░░जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥
░███████░दुर्गम काज जगत के जेते
░░░░█░░█░सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
░████░░█░राम दुआरे तुम रखवारे
░░░░░░░░░होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
░█░░█░░░तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥
░███████░आपन तेज सम्हारो आपै
░░░░█░░█░तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥
░████░░█░भूत पिशाच निकट नहि आवै
░░░░░░░░░महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████नासै रोग हरे सब पीरा
░█░░█░░░जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥
░███████░संकट तै हनुमान छुडावै
░░░░█░░█░मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥
░████░░█░सब पर राम तपस्वी राजा
░░░░░░░░░तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████और मनोरथ जो कोई लावै
░█░░█░░░सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥
░███████░चारों जुग परताप तुम्हारा
░░░░█░░█░है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥
░████░░█░साधु संत के तुम रखवारे
░░░░░░░░░असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
░█░░█░░░अस बर दीन जानकी माता॥३१॥
░███████░राम रसायन तुम्हरे पासा
░░░░█░░█░सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥
░████░░█░तुम्हरे भजन राम को पावै
░░░░░░░░░जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████अंतकाल रघुवरपुर जाई
░█░░█░░░जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥
░███████░और देवता चित्त ना धरई
░░░░█░░█░हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥
░████░░█░संकट कटै मिटै सब पीरा
░░░░░░░░░जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░█░░████जै जै जै हनुमान गुसाईँ
░█░░█░░░कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥
░███████░जो सत बार पाठ कर कोई
░░░░█░░█░छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥
░████░░█░जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
░░░░░░░░░होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

░░░░तुलसीदास सदा हरि चेराकीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥░░░░░
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░░░░░░░░░░░░█░██░ █ दोहा █ ░██░█░░░░░░░░░░░
░░░░░░░░░पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।░░░░░░░░░
░░░░░░░░राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥░░░░░░░░░
░░.•♥•.॥सियावर रामचंद्र की जय॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥राजा राम की जय॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥राम लक्ष्मन जानकी जय बोलो हनुमान की॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░
░░.•♥•.॥श्री राम जय राम जय जय राम॥.•♥•.░░


Saturday, February 23, 2013

█.•♥•.श्री हनुमानाष्टक.•♥•.█


█۞  █.•♥•.बाल समय रबि भक्षि लियो तब तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।

█۞  █.•♥•.ताहि सों त्रास भयो जग को यह संकट काहु सों जात न टारो।
█۞   █.•♥•.देवन आनि करी बिनती तब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
█۞   █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥१॥

█۞█.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█

█۞   █.•♥•.बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो।
█۞  █.•♥•.चौंकि महा मुनि साप दियो तब चाहिय कौन बिचार बिचारो।
█۞   █.•♥•.कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु सो तुम दास के सोक निवारो।
█۞   █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥२॥

█۞ █.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█


█۞   █.•♥•.अंगद के सँग लेन गये सिय खोज कपीस यह बैन उचारो।
█۞  █.•♥•.जीवत ना बचिहौ हम सो जु बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो।
█۞  █.•♥•.हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय सिया-सुधि प्रान उबारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥३॥

█۞ █.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█

█۞  █.•♥•.रावन त्रास दई सिय को सब राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
█۞   █.•♥•.ताहि समय हनुमान महाप्रभु जाय महा रजनीचर मारो।
█۞  █.•♥•.चाहत सीय असोक सों आगि सु दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥४॥

█۞ █.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█

█۞  █.•♥•.बान लग्यो उर लछिमन के तब प्रान तजे सुत रावन मारो।
█۞   █.•♥•.लै गृह बैद्य सुषेन समेत तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो।
█۞  █.•♥•.आनि सजीवन हाथ दई तब लछिमन के तुम प्रान उबारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥५॥

█۞ █.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█

█۞   █.•♥•.रावन जुद्ध अजान कियो तब नाग कि फाँस सबै सिर डारो।
█۞  █.•♥•.श्रीरघुनाथ समेत सबै दल मोह भयो यह संकट भारो।
█۞  █.•♥•.आनि खगेस तबै हनुमान जु बंधन काटि सुत्रास निवारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥६॥

█۞█.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞█
█۞  █.•♥•.बंधु समेत जबै अहिरावन लै रघुनाथ पताल सिधारो।
█۞  █.•♥•.देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो।
█۞  █.•♥•.जाय सहाय भयो तब ही अहिरावन सैन्य समेत सँहारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥७॥

█۞  █.•♥•.जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम॥.•♥•.█۞

█۞ █.•♥•.काज कियो बड़ देवन के तुम बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
█۞  █.•♥•.कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुमसों नहिं जात है टारो।
█۞  █.•♥•.बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कुछ संकट होय हमारो।
█۞  █.•♥•.को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो॥८॥
██████████████ █۞  █.•♥•.दोहा॥.•♥•.█۞  ███████████████
██████ █۞  █.•♥•.लाल देह लाली लसे अरू धरि लाल लँगूर॥.•♥•.█۞  █ ██████
████ █۞  █.•♥•.बज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर॥.•♥•.█۞  █ █████

Saturday, February 9, 2013

.•♥•.॥प्रियतम क्या अपराध हमारा॥.•♥•.2



     (¯`´(¯`´.¸_________________ ¸.´´¯)´´¯)
▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: .•♥•. ░▒▓
    (_¸. (_¸.´´ ¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯ `´.¸_).¸_)
●════════◄.•♥•.श्री राधे !!..•♥•.►════════●
(¯`•´¯).•♥•.॥प्रियतम क्या अपराध हमारा॥.•♥•.(¯`•´¯) 
.`•.,.• *.•♥•.॥साजन क्या अपराध हमारा॥.•♥•...`•.,.•* 
●════════◄.•♥•.श्री राधे !!..•♥•.►════════●
───────♥अब तरेंगे नहीं तो ये सच जानिए 
───────♥♥आपका नाम बदनाम कर जायेंगे 
───-───♥♥♥─कहते जो हो कुछ रिश्वत तो है क्या यहाँ 
──────♥♥♥─हां गुनाहों से भंडार भर जायेंगे 
─────♥♥♥─थी जो नफरत तो घर मैं बिठाया ही क्यों 
────♥♥♥─जाये सब गैर के ना अब घर जायेंगे 
───♥♥♥──है यकीं बिंदु गर चश्मे तर से बहे तो तुम्हे कर के तर खुद भी तर जायेंगे 
──♥♥♥─यु अगर आप मोहन मुकर जायेंगे 
─♥♥♥──तो भला हमसे पप्पी किधर जायेंगे किधर जायेंगे 
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▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: .•♥•. ░
(_¸.(_¸.´´ ¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯ `´.¸_).¸_)
───────♥प्यारे !
───────♥♥ये मेरा रोष ये मेरा मान क्यों 
──────♥♥♥─तुम सर्व समर्थ हो मै अल्प हु 
─────♥♥♥मै मेरी किसी भी प्रकार की उम्मीद या आपेछा तुमसे ना रखु तो किससे रक्खु 
────♥♥♥─तुम्ही बताओ यदि तुम्हारे जेसा कोई दूसरा हो तो 
───♥♥♥──ये मेरा रोष मेरा मान क्यों 
──♥♥♥हर तमन्ना इस दिल की पूरी नहीं होती 
─♥♥♥पर अफ़सोस जो हमारे लिए बेहद जरुरी होती वो तुम्हारे लिए जरुरी नहीं होती 
♥♥♥─ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा 
♥♥─जो छोडूगा तो कुछ मैं भी तमाशा करके छोडूगा 
-♥♥♥─अगर था छोडना मुझको तो फिर क्यों हाथ पकड़ा था 
─♥♥♥─-जो अब छोडा ना जाने मै क्या क्या करके छोडूगा 
──♥♥♥─मेरी रुस्विया देखो मजे से शोक से देखो 
─-─♥♥♥─तुम्हे मैं अब सरे बाजार रुसवा करके छोडूगा 
---──♥♥♥तुम्हे है नाज की बेदर्द रहता है मेरा दिल मै उस बेदर्द दिल मैं दर्द पैदा करके छोडूगा 
------──♥♥♥निकाला तुमने आपने दिल के जिस घर से उसी घर पर 
─--------─♥♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा
---------──♥♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा 
─-----────♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा 
──-------───♥♥जो छोडूगा तो कुछ मैं भी तमाशा करके छोडूगा 
(¯`´(¯`´.¸_________________ ¸.´´¯)´´¯)
▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: .•♥•. ▓
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───────♥हमेशा दीनो को छेड़ कर सुना जो करते हो चार बात
───────♥♥तुम्हे भी शोक ही की कोई सुनाये तुमको चार बाते 
──────♥♥♥─हमें चिढ़ने तुम्हे भी लुत्फ़ आता होगा तभी तो
─────♥♥♥─हस हस कर सहते हो कड़ी कड़ी नागवार बाते 
────♥♥♥─ये सोचते हो जो बेकरूरो की मुसीबते जल्द टाल देंगे 
───♥♥♥──तो कौन सुनाएगा तुम्हे ये नागवार बाते 
──♥♥♥──इसलिए मेरी ये विरह वेदना दुःख तकलीफे तुम जल्दी से दूर नहीं करते 
─♥♥♥──कहा था किसने की पापियों को उबरने का करार करदो 
♥♥♥─और करार जब कर चुके हो 
♥♥──तो अश्रु की बुँदे बन कर निकली 
-♥♥──ये दर्द की बेशुमार बाते 
─♥♥♥─-मुदते गुजर गई सिजदे पे सिजदा करते 
──♥♥♥─एक सिजदा भी मगर मंजूर हमारा ना हुआ 
───♥♥♥─रौशनी मिट गई नजरो की धीरे धीरे प्यासी नजरो को दीदार तुम्हारा ना हुआ 
──--─♥♥♥─ कन्हिया जहा तूने सब पे करम फरमाया 
──-----─♥♥♥─अपने बीमार का तुजसे कोई चारा ना हुआ
──-------─♥♥♥मर गए दिल की लगी वाले या दीवाने हुए 
──---------─♥♥♥तेरे प्यारो का बिन तेरे गुजरा ना हुआ 
──------------─♥♥इसलिए बेरुखी पर भी तेरा नाम लिए जायेंगे 
───--------------♥आप बदनाम हो ये हमसे गवारा ना हुआ 
───--------------♥कभी तो मेरी खुशियों का कन्हैया तुम्हे भी हो ख्याल 
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▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: .•♥•. ▓
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────-───♥प्यारे !
───────♥♥कभी ना कभी तुम मेरे जीवन मै आकर प्यार रस का वरशन कर गए हो 
──────♥♥♥अगर प्यार तेरे से पाया ना होता 
─────♥♥♥तुझे श्याम अपना बनाया ना होता 
────♥♥♥─मैं क्या करू 
───♥♥♥──ना होती तमन्ना ही तेरे मिलन की 
──♥♥♥──अगर मेरे मन को तू भाया ना होता 
─♥♥♥──तो ओठो पे मेरे फसाना ना होता 
♥♥♥─लबो पे तेरा ये तराना ना होता 
♥♥──अगर तीर दिल से चलाया ना होता 
-♥♥──ना फिरती मै तेरे लिए मारी मारी 
─♥♥♥─-अगर तूने खुद ही रुलाया ना होता 
──♥♥♥─अगर प्यार तेरे से पाया ना होता 
───♥♥♥─तुझे श्याम अपना बनाया ना होता 
──--─♥♥♥─तो मै भी निराशा मैं आशा ना रखती 
──-----─♥♥♥─तो मै भी निराशा मैं आशा ना रखती 
──-------─♥♥♥किसी के लिए अगर तू आया ना होता 
──---------─♥♥♥ये बेदर्द दुनिया मुझे कुछ तो कहेगी 
──------------─♥♥अगर तूने दिल से बुलाया ना होता 
───--------------♥♥अगर प्यार तेरे पाया ना होता 
───----------------♥तुझे श्याम अपना बनाया ना होता 
(¯`´(¯`´.¸_________________ ¸.´´¯)´´¯)
▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: .•♥•. ▓
(_¸.(_¸.´´ ¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯¯ `´.¸_).¸_)