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♥::::::♥▬▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬♥::::::♥
ஜ۩۞۩ஜ▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬ஜ۩۞۩ஜ
ஜ۩۞۩ஜ▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬ஜ۩۞۩ஜ
♥::::::♥▬▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬♥::::::♥
♥::::::♥▬▬▬.•♥•.॥तेरे
हाथो सोप दी जिसने जीवन डोर॥.•♥•.▬▬۞▬▬
♥::::::♥▬▬▬.•♥•.॥कभी
बिगडती न सुनी उसकी नन्द किशोर ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥ब्रिज
राज से नाता जुडा जब है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥जग
की क्या परवाह करे॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥बस
याद में आपकी रोते रहे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥पलकों
पे अश्रु प्रव्हा करे॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥जितनी
आप दूर रहे हमसे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥उतनी
हम आपकी याद करे॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥सुख
अद्भुत प्रेम की पीर में है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हम
आह करे आप वहा करे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥प्रभु
जी!! हरी जी!! प्रभु जी!! ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥मोरी
लागी लगन मत तोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥लागी
लगन मत तोडना ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥खेती
बोआई मैंने तेरे नाम की,॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥मेरे
भरोसे मत छोडना ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरि
जी मेरी लागी लगन मत तोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥जल
है गहरा, नाव पुरानी,॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥बीच
भवर मत छोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरि
जी मेरी लागी लगन मत तोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥तू
ही मेरा सेठ है,तू ही साहूकार है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥ब्याज
पे ब्याज मत जोड़ना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री
कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरि
जी मेरी लागी लगन मत तोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥दासी की विनती सुन लीजो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हाथ पकड़ मत छोड़ना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरि जी मेरी लागी लगन मत तोडना॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥वो पावे क्या रस का चस्का॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥नहीं कृष्णा सो प्रीत लगायेगा जो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरे कृष्णा उसे समझेगा वही॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥रसिको के समाज में जायेगा जो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥ब्रिज भूमि लपेट कलेवर में॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥गुडगान किशोरी के गए गा जो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हसता हुआ श्याम मिलेगा उसे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥निज प्राणों की भेट चढ़ाएगा जो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥गोविद राधे गोपाल राधे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥वो और की आस करे न करे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥जिसे आश्रय श्री हरी नाम का है ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥उसे स्वर्ग से मित्र प्रयोजन क्या ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥निज वासी जो गोकुल धाम का है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥सब सार्थक जन्म उसी का सुनो ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥हरी कृष्ण जो चाकर श्याम का है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥बिना कृष्ण का प्रेम किया जग में ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥ये जीवन ही किस काम का है॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥गोविद राधे गोपाल राधे ॥.•♥•.▬▬۞▬▬
▬▬۞▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬۞▬▬
♥::::::♥▬▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬♥::::::♥
ஜ۩۞۩ஜ▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬ஜ۩۞۩ஜ
ஜ۩۞۩ஜ▬▬.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.▬▬ஜ۩۞۩ஜ
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