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◕ ▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: ॥.•♥•. ░▒▓◕
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●════════◄.•♥•.श्री राधे
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(¯`•´¯).•♥•.॥प्रियतम क्या अपराध हमारा॥.•♥•.(¯`•´¯)
.`•.,.• *.•♥•.॥साजन क्या अपराध हमारा॥.•♥•...`•.,.•*
●════════◄.•♥•.श्री राधे
!!..•♥•.►════════●
───────♥अब तरेंगे नहीं तो ये सच जानिए
───────♥♥आपका नाम बदनाम कर जायेंगे
───-───♥♥♥─कहते जो हो कुछ रिश्वत तो है क्या यहाँ
──────♥♥♥─हां गुनाहों से भंडार भर जायेंगे
─────♥♥♥─थी जो नफरत तो घर मैं बिठाया ही क्यों
────♥♥♥─जाये सब गैर के ना अब घर जायेंगे
───♥♥♥──है यकीं बिंदु गर चश्मे तर से बहे तो तुम्हे कर के तर खुद भी तर जायेंगे
──♥♥♥─यु अगर आप मोहन मुकर जायेंगे
─♥♥♥──तो भला हमसे पप्पी किधर जायेंगे किधर जायेंगे
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◕ ▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: ॥.•♥•. ░◕
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───────♥प्यारे !
───────♥♥ये मेरा रोष ये मेरा मान क्यों
──────♥♥♥─तुम सर्व समर्थ हो मै अल्प हु
─────♥♥♥मै मेरी किसी भी प्रकार की उम्मीद या आपेछा तुमसे ना रखु तो किससे रक्खु
────♥♥♥─तुम्ही बताओ यदि तुम्हारे जेसा कोई दूसरा हो तो
───♥♥♥──ये मेरा रोष मेरा मान क्यों
──♥♥♥हर तमन्ना इस दिल की पूरी नहीं होती
─♥♥♥पर अफ़सोस जो हमारे लिए बेहद जरुरी होती वो तुम्हारे लिए जरुरी नहीं होती
♥♥♥─ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा
♥♥─जो छोडूगा तो कुछ मैं भी तमाशा करके छोडूगा
-♥♥♥─अगर था छोडना मुझको तो फिर क्यों हाथ पकड़ा था
─♥♥♥─-जो अब छोडा ना जाने मै क्या क्या करके छोडूगा
──♥♥♥─मेरी रुस्विया देखो मजे से शोक से देखो
─-─♥♥♥─तुम्हे मैं अब सरे बाजार रुसवा करके छोडूगा
---──♥♥♥तुम्हे है नाज की बेदर्द रहता है मेरा दिल मै उस बेदर्द दिल मैं दर्द पैदा करके छोडूगा
------──♥♥♥निकाला तुमने आपने दिल के जिस घर से उसी घर पर
─--------─♥♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा
---------──♥♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा
─-----────♥♥ना यू घनश्याम तुमको दुःख से घबरा करके छोडूगा
──-------───♥♥जो छोडूगा तो कुछ मैं भी तमाशा करके छोडूगा
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───────♥हमेशा दीनो को छेड़ कर सुना जो करते हो चार बात
───────♥♥तुम्हे भी शोक ही की कोई सुनाये तुमको चार बाते
──────♥♥♥─हमें चिढ़ने तुम्हे भी लुत्फ़ आता होगा तभी तो
─────♥♥♥─हस हस कर सहते हो कड़ी कड़ी नागवार बाते
────♥♥♥─ये सोचते हो जो बेकरूरो की मुसीबते जल्द टाल देंगे
───♥♥♥──तो कौन सुनाएगा तुम्हे ये नागवार बाते
──♥♥♥──इसलिए मेरी ये विरह वेदना दुःख तकलीफे तुम जल्दी से दूर नहीं करते
─♥♥♥──कहा था किसने की पापियों को उबरने का करार करदो
♥♥♥─और करार जब कर चुके हो
♥♥──तो अश्रु की बुँदे बन कर निकली
-♥♥──ये दर्द की बेशुमार बाते
─♥♥♥─-मुदते गुजर गई सिजदे पे सिजदा करते
──♥♥♥─एक सिजदा भी मगर मंजूर हमारा ना हुआ
───♥♥♥─रौशनी मिट गई नजरो की धीरे धीरे प्यासी नजरो को दीदार तुम्हारा ना हुआ
──--─♥♥♥─ए कन्हिया जहा तूने सब पे करम फरमाया
──-----─♥♥♥─अपने बीमार का तुजसे कोई चारा ना हुआ
──-------─♥♥♥मर गए दिल की लगी वाले या दीवाने हुए
──---------─♥♥♥तेरे प्यारो का बिन तेरे गुजरा ना हुआ
──------------─♥♥इसलिए बेरुखी पर भी तेरा नाम लिए जायेंगे
───--------------♥आप बदनाम हो ये हमसे गवारा ना हुआ
───--------------♥कभी तो मेरी खुशियों का ए कन्हैया तुम्हे भी हो ख्याल
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────-───♥प्यारे !
───────♥♥कभी ना कभी तुम मेरे जीवन मै आकर प्यार रस का वरशन कर गए हो
──────♥♥♥अगर प्यार तेरे से पाया ना होता
─────♥♥♥तुझे श्याम अपना बनाया ना होता
────♥♥♥─मैं क्या करू
───♥♥♥──ना होती तमन्ना ही तेरे मिलन की
──♥♥♥──अगर मेरे मन को तू भाया ना होता
─♥♥♥──तो ओठो पे मेरे फसाना ना होता
♥♥♥─लबो पे तेरा ये तराना ना होता
♥♥──अगर तीर दिल से चलाया ना होता
-♥♥──ना फिरती मै तेरे लिए मारी मारी
─♥♥♥─-अगर तूने खुद ही रुलाया ना होता
──♥♥♥─अगर प्यार तेरे से पाया ना होता
───♥♥♥─तुझे श्याम अपना बनाया ना होता
──--─♥♥♥─तो मै भी निराशा मैं आशा ना रखती
──-----─♥♥♥─तो मै भी निराशा मैं आशा ना रखती
──-------─♥♥♥किसी के लिए अगर तू आया ना होता
──---------─♥♥♥ये बेदर्द दुनिया मुझे कुछ तो कहेगी
──------------─♥♥अगर तूने दिल से बुलाया ना होता
───--------------♥♥अगर प्यार तेरे पाया ना होता
───----------------♥तुझे श्याम अपना बनाया ना होता
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