Saturday, February 9, 2013

.•♥•.॥प्रियतम क्या अपराध हमारा॥.•♥•.1


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◕ ▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: ॥.•♥•. ░▒▓◕
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●════════◄.•♥•.श्री राधे !!..•♥•.►════════●
(¯`•´¯).•♥•.॥प्रियतम क्या अपराध हमारा॥.•♥•.(¯`•´¯) 
.`•.,.• *.•♥•.॥साजन क्या अपराध हमारा॥.•♥•...`•.,.•* 
●════════◄.•♥•.श्री राधे !!..•♥•.►════════●

───────♥प्रियतम क्या अपराध हमारा 
───────♥♥साजन क्या अपराध हमारा 
──────♥♥♥─भूल गए क्यों मेरे ठाकुर मैं तो जनम जनम का दास तुम्हारा 
─────♥♥♥─मैं समझू तुम समझो ना समझो क्या है विरह हमारा 
────♥♥♥─पड़ा द्वार पे धीट बड़ा हु 
───♥♥♥──दो ना दो साहारा हरी दो ना दो साहारा 
─♥♥♥──लो रख दी ये पोटली पाप की 
♥♥♥──दिखत दूर किनारा 
♥♥♥─आओ ओ! पनघट के माझी 
♥♥♥─लीज्यो हाथ हमारा 
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◕ ▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: ॥.•♥•. ░▒▓◕
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───────♥गए भूल क्या हमको 
───────♥♥प्यारे श्याम सुजान
──────♥♥♥─अधम उद्धरण की सखे छाड दई क्या बांध 
─────♥♥♥─प्यारे! मुझे भूलने से ऐसा लगता है
────♥♥♥─क्या तुमने अधम उधारन कहलाने की आदत छोड़ दी है
───♥♥♥──पतित पावन बने रहने की छोड़ दी तुमने
──♥♥♥──अधम उद्धरण की सखे छाड दई क्या बांध 
─♥♥♥──छबिले लीलाधारी ऎसो का आपराध भयो ब्रिजचन्द्र बिहारी 
♥♥♥─मोहन आओ वेगि अब 
♥♥──मोहन आओ वेगि अब 
-♥♥♥──प्यारे मिले बहुत ही दिन भये 
─♥♥♥──--हरी हमारे प्राण प्रिये तुम बिन देखे युग भये प्यारे !
──♥♥♥───रूठना मत मुझे मानना नहीं आता
───♥♥♥───दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता 
─────♥♥──तुम मुझे भूल जाओ ये तुम्हारी मर्जी 
──────♥पर मै क्या करू मुझे तो भूलना भी नहीं आता
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◕ ▓▒░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्: ॥.•♥•. ░▒▓◕
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───────♥प्यारे ! 
───────♥♥देखो तुम्हारे अस्वासन पे मुझे इतना विश्वाश है 
──────♥♥♥─की हु तो मै दाश्य भाव मे
─────♥♥♥─लेकिन अगर मै मान भी करू रूठ जाऊ 
────♥♥♥─तो तुम्हे मुझे मानना ही पड़ेगा 
───♥♥♥──यु अगर आप मोहन मुकर जायेंगे 
──♥♥♥──तो भला हमसे पप्पी किधर जायेंगे 
─♥♥♥──अब तरेंगे नहीं तो ये सच जानिए 
♥♥♥─आपका नाम बदनाम कर जायेंगे 
-♥♥♥──कहते जो हो कुछ रिश्वत तो है क्या यहाँ 
♥♥──हां गुनाहों से भंडार भर जायेंगे 
-♥♥♥──थी जो नफरत तो घर मैं बिठाया ही क्यों 
─♥♥♥──--जाये सब गैर के ना अब घर जायेंगे 
──♥♥♥───है यकीं बिंदु गर चश्मे तर से बहे तो तुम्हे कर के तर खुद भी तर जायेंगे 
────♥♥──यु अगर आप मोहन मुकर जायेंगे 
─────♥तो भला हमसे पप्पी किधर जायेंगे किधर जायेंगे
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