Thursday, October 17, 2013

.⋰║♥║⋱.नटवर नागर नन्दा ⋰║♥║⋱.

.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.भजो रे मन गोविन्दा .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.श्याम सुन्दर मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.

.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.तू ही नटवर तू ही नागर तू ही बाल मुकुन्दा .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.सब देवन में कृष्ण बड़े हैं ज्यूं तारा बिच चंदा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.

.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.सब सखियन में राधा जी बड़ी हैं ज्यूं नदियन बिच गंगा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे नरसिंह रूप धरता.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.

.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.कालीदह में नाग ज्यों नाथो फण-फण निरत करता .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.वृन्दावन में रास रचायो नाचत बाल मुकुन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.

.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.मीरा के प्रभु गिरधर नागर काटो जम का फंदा॥.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.

✽.•♥•.मीरा के प्रभु हरि अबिनासी .•♥•.✽

✽.•♥•.तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर।.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.हम चितवत तुम चितवत नाहीं.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.मन के बड़े कठोर।.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.मेरे आसा चितनि तुम्हरी.•♥•.✽ 
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.और न दूजी ठौर।.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.तुमसे हमकूँ एक हो जी .•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.हम-सी लाख करोर॥.•◥♥◣✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.कब की ठाड़ी अरज करत हूँ.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.अरज करत भै भोर।.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣

✽.•♥•.मीरा के प्रभु हरि अबिनासी .•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣


✽.•♥•.देस्यूँ प्राण अकोर॥.•♥•.✽
◥♥◣✽.•♥•.॥श्री कृष्ण: शरणम् मम:॥.•♥•.✽◥♥◣