Friday, March 29, 2013

.•♥•.हो हो होली.•♥•.



░`♥´░नैनन में पिचकारी देई 
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░मोहे गारी देई होली खेली ना जाये 

░`♥´░क्यों  रे लंगर लंगराई मोते किन्ही
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░

░`♥´░केसर खेच कपोलन दीन्ही 
░`♥´░लिए गुलाल ठाडो मंद मंद मुस्काए 
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░ठाडो मंद मंद मुस्काए होली खेली ना जाये 
░`♥´░निभन कण करत काहू की 
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░नगर बचावे बहिया बलदाऊ की
░`♥´░पनघट सो घर लो बतराए
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░घर लो बतराए होली खेली ना जाये
░`♥´░ओचक कुचन  कुमकुम  मारे
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░रंग सुरन सीस पे धारे
░`♥´░ये उधम सुन मेरी सास रिसाए मोरी ननद रिसाए
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░होली खेली ना जाये
░`♥´░होली के दिनन मोते दुनो दुनो अटके
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░सालिग्राम कौन जाये बर्जे
░`♥´░अंग लिपट हसी हां हां खाए
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░सखी हां हा खाए होली खेली ना जाये
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░

░`♥´░मैं भी याये कारे कपटी को छोडूगी नाए
░`♥´░रसिया को नार बनाओ री रसिया को।
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░वह वह रे रसिया वह वह रे छेला
░`♥´░गाल गुलाल दृगन में कजरा 
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░याके मेहँदी थल लगाओ री रसिया को
░`♥´░कटि लहंगा गल माल कंचुकी, 

░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░चुनरी शीश उढाओ री।
░`♥´░हा !रसिया को हा! छलिया को
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░

░`♥´░वह वह रे रसिया वह वह रे छेला
░`♥´░बाँह बडा बाजूबंद सोहे,
░`♥´░वाको नक बेसर पहराओ री ।रसिया को
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░नारायण करतारी बजाय के,
░`♥´░जसुमति निकट नचाओ री।रसिया को
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░तेने जुलम कियो रे रंग डाल रसिया होली में 
░`♥´░मेरो बिगड़ गयो रे श्रींगार
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░तोसो प्रीत श्याम नहीं पालू
░`♥´░भीज गयो री मेरो तरकस सालू
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░जाको मोल है लाखो हजार रसिया होली में
░`♥´░पर नारी तक तकते छलिया
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░

░`♥´░भीग गई रे मोरी मखमल अंगिया
░`♥´░भर भर डारी गुलाल की झोरी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░झूम झटक मोरी बइया मरोरी
░`♥´░मेरो टूटयो नो लाख हार
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░रसिया होली में
░`♥´░अंखिया मोरी फरकन लागी
░`♥´░छातिय मोरी धड़कन लागी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░तेरी बंसी की सुन झंकार रसिया होली में
░`♥´░तेने जुलम कियो रे रंग डाल रसिया होलिमे
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░एसो प्रेम को जाल बिचयो
░`♥´░डाल मोहिनी मन भरमायो
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░मै जाऊ तोपे बलिहार रसिया होली में 
░`♥´░होली खेलूंगी श्याम तोते नाए हारू होली खेलूंगी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░उड़त गुलाल लाल भये बादल
░`♥´░भर मटका रंग को धारू होली खेलूंगी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░होली में तोहे गोरी बनू लाला होली खेलूंगी

░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░और झगा तेरो फारु होली खेलूंगी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░

░`♥´░तेरे हाथ बांध गुलचा मारू होली खेलूंगी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░सरस आज तोपे बलि जाऊ 

░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░सगरो तन मन धन वारू होली खेलूंगी
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░हो हो होली हो हो होली हो हो होली 
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░
░`♥´░.•♥•.॥श्री कृष्णः शरणम् मम्॥.•♥•.░`♥´░