Saturday, September 3, 2011

.•♥•.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.


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श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/ 
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•.श्री राधे !!.,••, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .
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•.चाहे अन्दर जपो, चाहे बाहर जपो,अंतर्यामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.आज तक जो किये हैं सुकृत आपने, फल हे उनका ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.थक गये हैं जो जग में भटक कर उन्हे, देता विश्राम ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.जग में जितने भी साधन हैं छोटे बडे, सबका स्वामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.जाना चाहो जो लीला में श्री कृष्ण की, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.शुद्धि करनी हो जीवन की, मन की तुम्हे, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.गेय श्रद्धेय है ये अनुपमेय है, है स्वयं श्रेय ••श्री कृष्ण शरणम ममः।
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•.मन की ममता अहंता अभी मेट कर, समता देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/ 
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•.श्री राधे !!.,••, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” 

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•.कृष्ण होते प्रकट अपने जन के निकट, नित्य रटते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.दुनिया झुकती है चरणों में उनके सदा, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.शुद्धि करता है अन्तःकरण की सदा, बुद्धि देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.भ्रांति हरता है सिद्धांत के ज्ञान से, क्रांतिकारी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.भक्ति का ज्ञान का और वैराग्य का, भाव भरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.बन्द आँखों को सत्संग के ज्ञान से, खोल देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.दो सो बावन चौरासी वैष्णव सभी, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.पुष्टिमार्गीय वैष्णव करोडों हैं जो, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/ 
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•.श्री राधे !!.,••, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” 

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•.सेवा उत्तम है सब में सदा मानसी, श्रेष्ठ सुमिरन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.कोई झंझट नही कोई खटपट नही, सीधा सादा है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.चस्का लग जाये रस का तो कहना ही क्या, अपने बस का है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.कृष्ण के प्रेम का, नेम का, क्षेम का, केन्द्र सबका है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.अपने गौरव तराजू में साधन सभी, तोल देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.ज्ञान का, ध्यान का, मान सम्मान का, दान देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.मानसी सिद्ध करता है सद्भाव की, वृष्टि करता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.ब्रह्म साकार भी है निराकार भी, सिद्ध करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.श्री राधे !!.,••, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” 

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•.मर्म समझाता है वेद के भेद का, खेद हरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.सच्चे वैष्णव की ये मुख्य पहचान है, नित्य जपता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.वृद्धि करता है आयुष्य आरोग्य की, यह रसायन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.मेट देता है भ्रम और संशय सभी, सिद्ध सदगुरु है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.बीज दुनिया में होता है हर चीज जा, भक्ति का बीज ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.चारों युग में और चौदह भुवन में सदा, सर्व व्यापक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.मन को निर्मल बना भगवदीय को , देता रस दान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.सुहृदय के हिंडोले में श्री कृष्ण को, नित झुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.रास के जो रसिक हैं उन्हे पास में, नित बुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.आस विश्वास रखते हैं जो कृष्ण में , दास जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.अन्याश्रय से डरते हैं वैष्णव सदा, उनका आश्रय है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.प्रेम बाजार में सदगुरु जो हरि, रत्न देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.तोला जाता नही मोल बिकता नही, रत्न अनमोल ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.भाग्यशाली भगवदीय जन ही सदा, प्राप्त करते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.जो कृपा पात्र हैं बस उन्ही के लिये, है ये वरदान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.है बडे भाग्य उनके जिसे मिल गया, देव दुर्लभ है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.मिल गया है जिन्हे वे सुने ध्यान से, वे धरोहर हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.है ये गोलोक का मार्गदर्शक सखा, नित्य रटना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.जेबकतरों, अविश्वासियों से सदा, गुप्त रखना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.छोड देते हैं अपने सभी लोग तब, साथ देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.टूट जते हैं ममता के धागे सभी, साथ देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
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•.पर्दा हटाता है दिल में अज्ञान का, कृष्ण बनता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.देखता है अपराध जन का कभी, है क्षमाशील ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.रंग की , धोप के, धन की, परवाह नही, प्रेम चाहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.दूर हरि से हरिजन रहे एक भी, चाहता है यह ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.माता करती हिफाजत उसी तौर से , रक्षा करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.आप उनके बनें वे बने आपके, यही कहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.भक्त सोता है तब भी स्वयं जाग कर, पहरा देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.चाहे मानो मानो खुशी आपकी, सच्चा धन तो है, ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.डर नही है किसी द्वेत का, प्रेत का , शुद्धद्वैत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.यह सीधी सडक चल पडो बेधडक, साथ रक्षक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.हारते हे नही वे कहीं भी कभी, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.श्याम सुंदर निकुंजों में मिल जायेगें, ढूंढ लायेगा ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
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•.दुनिया सपना है अपना कोई यहाँ , नित्य जपना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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•.सत्य शिव और सुन्दर है सर्वस्व जो, वो है नवनीत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••

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श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/ 
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══════◄.••.धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,••,►══════● 
══════◄.••.लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,••,►══════

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