✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .
.•♥•.चाहे अन्दर जपो, चाहे बाहर जपो,अंतर्यामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आज तक जो किये हैं सुकृत आपने, फल हे उनका ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.थक गये हैं जो जग में भटक कर उन्हे, देता विश्राम ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जग में जितने भी साधन हैं छोटे बडे, सबका स्वामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जाना चाहो जो लीला में श्री कृष्ण की, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.शुद्धि करनी हो जीवन की, मन की तुम्हे, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.गेय श्रद्धेय है ये अनुपमेय है, है स्वयं श्रेय ••श्री कृष्ण शरणम ममः।
.•♥•.मन की ममता अहंता अभी मेट कर, समता देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.कृष्ण होते प्रकट अपने जन के निकट, नित्य रटते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दुनिया झुकती है चरणों में उनके सदा, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.शुद्धि करता है अन्तःकरण की सदा, बुद्धि देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भ्रांति हरता है सिद्धांत के ज्ञान से, क्रांतिकारी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भक्ति का ज्ञान का और वैराग्य का, भाव भरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.बन्द आँखों को सत्संग के ज्ञान से, खोल देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दो सो बावन ओ चौरासी वैष्णव सभी, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.पुष्टिमार्गीय वैष्णव करोडों हैं जो, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.सेवा उत्तम है सब में सदा मानसी, श्रेष्ठ सुमिरन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.कोई झंझट नही कोई खटपट नही, सीधा सादा है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चस्का लग जाये रस का तो कहना ही क्या, अपने बस का है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.कृष्ण के प्रेम का, नेम का, क्षेम का, केन्द्र सबका है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.अपने गौरव तराजू में साधन सभी, तोल देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.ज्ञान का, ध्यान का, मान सम्मान का, दान देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मानसी सिद्ध करता है सद्भाव की, वृष्टि करता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.ब्रह्म साकार भी है निराकार भी, सिद्ध करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.मर्म समझाता है वेद के भेद का, खेद हरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सच्चे वैष्णव की ये मुख्य पहचान है, नित्य जपता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.वृद्धि करता है आयुष्य आरोग्य की, यह रसायन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मेट देता है भ्रम और संशय सभी, सिद्ध सदगुरु है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.बीज दुनिया में होता है हर चीज जा, भक्ति का बीज ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चारों युग में और चौदह भुवन में सदा, सर्व व्यापक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मन को निर्मल बना भगवदीय को , देता रस दान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सुहृदय के हिंडोले में श्री कृष्ण को, नित झुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.रास के जो रसिक हैं उन्हे पास में, नित बुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आस विश्वास रखते हैं जो कृष्ण में , दास जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.अन्याश्रय से डरते हैं वैष्णव सदा, उनका आश्रय है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.प्रेम बाजार में सदगुरु जो हरि, रत्न देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.तोला जाता नही मोल बिकता नही, रत्न अनमोल ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भाग्यशाली भगवदीय जन ही सदा, प्राप्त करते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जो कृपा पात्र हैं बस उन्ही के लिये, है ये वरदान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.है बडे भाग्य उनके जिसे मिल गया, देव दुर्लभ है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.मिल गया है जिन्हे वे सुने ध्यान से, वे धरोहर हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.है ये गोलोक का मार्गदर्शक सखा, नित्य रटना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जेबकतरों, अविश्वासियों से सदा, गुप्त रखना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.छोड देते हैं अपने सभी लोग तब, साथ देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.टूट जते हैं ममता के धागे सभी, साथ देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
.•♥•.पर्दा हटाता है दिल में अज्ञान का, कृष्ण बनता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.देखता है न अपराध जन का कभी, है क्षमाशील ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.रंग की , धोप के, धन की, परवाह नही, प्रेम चाहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.दूर हरि से न हरिजन रहे एक भी, चाहता है यह ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.माता करती हिफाजत उसी तौर से , रक्षा करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आप उनके बनें वे बने आपके, यही कहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भक्त सोता है तब भी स्वयं जाग कर, पहरा देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चाहे मानो न मानो खुशी आपकी, सच्चा धन तो है, ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.डर नही है किसी द्वेत का, प्रेत का , शुद्धद्वैत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.यह सीधी सडक चल पडो बेधडक, साथ रक्षक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.हारते हे नही वे कहीं भी कभी, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.श्याम सुंदर निकुंजों में मिल जायेगें, ढूंढ लायेगा ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दुनिया सपना है अपना न कोई यहाँ , नित्य जपना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सत्य शिव और सुन्दर है सर्वस्व जो, वो है नवनीत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
●══════◄.•♥•.धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,•♥•,►══════●
●══════◄.•♥•.लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,•♥•,►══════●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .
.•♥•.चाहे अन्दर जपो, चाहे बाहर जपो,अंतर्यामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आज तक जो किये हैं सुकृत आपने, फल हे उनका ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.थक गये हैं जो जग में भटक कर उन्हे, देता विश्राम ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जग में जितने भी साधन हैं छोटे बडे, सबका स्वामी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जाना चाहो जो लीला में श्री कृष्ण की, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.शुद्धि करनी हो जीवन की, मन की तुम्हे, तो जपो नित्य ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.गेय श्रद्धेय है ये अनुपमेय है, है स्वयं श्रेय ••श्री कृष्ण शरणम ममः।
.•♥•.मन की ममता अहंता अभी मेट कर, समता देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.कृष्ण होते प्रकट अपने जन के निकट, नित्य रटते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दुनिया झुकती है चरणों में उनके सदा, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.शुद्धि करता है अन्तःकरण की सदा, बुद्धि देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भ्रांति हरता है सिद्धांत के ज्ञान से, क्रांतिकारी है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भक्ति का ज्ञान का और वैराग्य का, भाव भरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.बन्द आँखों को सत्संग के ज्ञान से, खोल देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दो सो बावन ओ चौरासी वैष्णव सभी, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.पुष्टिमार्गीय वैष्णव करोडों हैं जो, नित्य जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.सेवा उत्तम है सब में सदा मानसी, श्रेष्ठ सुमिरन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.कोई झंझट नही कोई खटपट नही, सीधा सादा है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चस्का लग जाये रस का तो कहना ही क्या, अपने बस का है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.कृष्ण के प्रेम का, नेम का, क्षेम का, केन्द्र सबका है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.अपने गौरव तराजू में साधन सभी, तोल देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.ज्ञान का, ध्यान का, मान सम्मान का, दान देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मानसी सिद्ध करता है सद्भाव की, वृष्टि करता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.ब्रह्म साकार भी है निराकार भी, सिद्ध करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.मर्म समझाता है वेद के भेद का, खेद हरता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सच्चे वैष्णव की ये मुख्य पहचान है, नित्य जपता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.वृद्धि करता है आयुष्य आरोग्य की, यह रसायन है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मेट देता है भ्रम और संशय सभी, सिद्ध सदगुरु है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.बीज दुनिया में होता है हर चीज जा, भक्ति का बीज ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चारों युग में और चौदह भुवन में सदा, सर्व व्यापक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.मन को निर्मल बना भगवदीय को , देता रस दान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सुहृदय के हिंडोले में श्री कृष्ण को, नित झुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.रास के जो रसिक हैं उन्हे पास में, नित बुलाता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आस विश्वास रखते हैं जो कृष्ण में , दास जपते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.अन्याश्रय से डरते हैं वैष्णव सदा, उनका आश्रय है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.प्रेम बाजार में सदगुरु जो हरि, रत्न देता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.तोला जाता नही मोल बिकता नही, रत्न अनमोल ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भाग्यशाली भगवदीय जन ही सदा, प्राप्त करते हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जो कृपा पात्र हैं बस उन्ही के लिये, है ये वरदान ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.है बडे भाग्य उनके जिसे मिल गया, देव दुर्लभ है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.मिल गया है जिन्हे वे सुने ध्यान से, वे धरोहर हैं ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.है ये गोलोक का मार्गदर्शक सखा, नित्य रटना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.जेबकतरों, अविश्वासियों से सदा, गुप्त रखना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.छोड देते हैं अपने सभी लोग तब, साथ देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.टूट जते हैं ममता के धागे सभी, साथ देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
.•♥•.पर्दा हटाता है दिल में अज्ञान का, कृष्ण बनता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.देखता है न अपराध जन का कभी, है क्षमाशील ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.रंग की , धोप के, धन की, परवाह नही, प्रेम चाहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
.•♥•.दूर हरि से न हरिजन रहे एक भी, चाहता है यह ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.माता करती हिफाजत उसी तौर से , रक्षा करता है•• श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.आप उनके बनें वे बने आपके, यही कहता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.भक्त सोता है तब भी स्वयं जाग कर, पहरा देता है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.चाहे मानो न मानो खुशी आपकी, सच्चा धन तो है, ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.डर नही है किसी द्वेत का, प्रेत का , शुद्धद्वैत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.यह सीधी सडक चल पडो बेधडक, साथ रक्षक है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.हारते हे नही वे कहीं भी कभी, नित्य जपते जो ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.श्याम सुंदर निकुंजों में मिल जायेगें, ढूंढ लायेगा ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.दुनिया सपना है अपना न कोई यहाँ , नित्य जपना है ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
.•♥•.सत्य शिव और सुन्दर है सर्वस्व जो, वो है नवनीत ••श्री कृष्ण शरणम ममः••।
✿.. .❀...✿...❀ ...✿...❀...✿..❀ ..✿...❀..✿...❀.....✿....❀...✿....❀...✿...❀
\|/.. \|/.\|/.. \|/.. \|/.. श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!\|/. .\|/ ..\|/ .\|/ ..\|/..\|/..\|/
” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” .•♥•.श्री राधे !!.,•♥•, ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ” ”
●══════◄.•♥•.धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,•♥•,►══════●
●══════◄.•♥•.लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।,•♥•,►══════●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
●═◄▓►.•♥•.श्री कृष्ण: शरणम् मम: !!.•♥•.,◄▓►═●
No comments:
Post a Comment