.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.भजो रे
मन गोविन्दा .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.नटवर नागर
नन्दा भजो रे मन गोविन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.श्याम सुन्दर
मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.तू ही नटवर
तू ही नागर तू ही बाल मुकुन्दा .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.सब देवन
में कृष्ण बड़े हैं ज्यूं तारा बिच चंदा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.सब सखियन
में राधा जी बड़ी हैं ज्यूं नदियन बिच गंगा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.ध्रुव तारे
प्रहलाद उबारे नरसिंह रूप धरता.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.कालीदह
में नाग ज्यों नाथो फण-फण निरत करता .⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.वृन्दावन
में रास रचायो नाचत बाल मुकुन्दा.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री
कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.मीरा के
प्रभु गिरधर नागर काटो जम का फंदा॥.⋰║♥║⋱.
.⋰║♥║⋱.•♥•..॥श्री कृष्ण शरणम् ममः॥.•♥•..⋰║♥║⋱.